साहसी बच्चे : सब "भूतिया जंगल" कहते थे।

जंगल के अंदर थोड़ी दूरी पर, उसे कुछ झिलमिलाती हुई आँखें दिखाईं दीं। अर्जुन ने अपनी टॉर्च की रोशनी उस दिशा में फेंकी

साहसी बच्चे : सब "भूतिया जंगल" कहते थे।

साहसी बच्चे

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव के किनारे एक घना जंगल था, जिसे सब "भूतिया जंगल" कहते थे। गाँव के लोग मानते थे कि रात के अंधेरे में उस जंगल में अजीब-अजीब आवाज़ें आती थीं, और जो भी वहाँ गया, वह कभी लौटकर नहीं आया।

लेकिन एक दिन, साहस से भरा एक बच्चा, अर्जुन, उस जंगल के रहस्य को जानने की ठान बैठा। गाँव के लोग उसे मना करते रहे, लेकिन अर्जुन ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। उसके पास बस एक छोटी सी टॉर्च और दिल में अटूट हिम्मत थी।

अर्जुन रात को चुपके से जंगल की ओर चल पड़ा। जैसे ही उसने जंगल में कदम रखा, उसकी टॉर्च की रोशनी ने पेड़ों की छायाओं को भयानक रूप दे दिया। हवा के साथ पेड़ों की सरसराहट और कभी-कभी आती खौफनाक आवाजें उसके कानों में गूंजने लगीं, लेकिन अर्जुन अपने कदमों को रोक नहीं पाया।

जंगल के अंदर थोड़ी दूरी पर, उसे कुछ झिलमिलाती हुई आँखें दिखाईं दीं। अर्जुन ने अपनी टॉर्च की रोशनी उस दिशा में फेंकी, लेकिन वहाँ कुछ नहीं था। उसका दिल जोरों से धड़कने लगा, फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। 

जंगल के गहरे हिस्से में पहुँचते ही अर्जुन को एक पुराना, टूटा-फूटा मंदिर दिखाई दिया। मंदिर के अंदर से हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी। अर्जुन धीरे-धीरे उस मंदिर की ओर बढ़ा। जैसे ही उसने मंदिर के दरवाज़े को छुआ, दरवाज़ा अपने आप खुल गया।

अंदर का दृश्य और भी भयानक था। दीवारों पर पुराने चित्र थे, जो एक रहस्यमयी कहानी कह रहे थे। अचानक, मंदिर के अंदर की रोशनी और तेज हो गई, और अर्जुन ने देखा कि एक बूढ़ा आदमी वहाँ खड़ा है। वह आदमी अर्जुन को देखकर मुस्कुराया और बोला, "तू सच में बहुत बहादुर है, बच्चा। वर्षों से कोई इस जगह नहीं आया।"

बूढ़े आदमी ने अर्जुन को बताया कि वह इस मंदिर का रक्षक था और उसने अर्जुन की बहादुरी की तारीफ की। अर्जुन ने उससे पूछा कि इस जंगल के पीछे का रहस्य क्या है। बूढ़े आदमी ने बताया कि यह जंगल किसी भूतिया ताकत का नहीं, बल्कि गाँव के लोगों की कल्पनाओं का शिकार था। 

अर्जुन ने उस बूढ़े आदमी से विदा ली और सुरक्षित वापस गाँव लौट आया। अगले दिन, उसने गाँव वालों को अपनी यात्रा की कहानी सुनाई और उन्हें समझाया कि डर केवल मन की एक भावना है, और हम सभी में उससे जीतने की ताकत है।

अर्जुन की बहादुरी की कहानी जल्द ही पूरे गाँव में फैल गई और तब से उस जंगल को भूतिया नहीं, बल्कि साहसी अर्जुन का जंगल कहा जाने लगा।