बनारस : सावन पूर्णिमा पर काशी विश्वनाथ को झुलाया झूला, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजी काशी, इंद्र ने किया अभिषेक

काशी विश्वनाथ मंदिर में रविवार को बाबा विश्वनाथ के झूलनोत्सव की लोक परंपरा का निर्वहन किया गया। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा के पंचबदन रजत प्रतिमा का विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया।

बनारस : सावन पूर्णिमा पर काशी विश्वनाथ को झुलाया झूला, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजी काशी, इंद्र ने किया अभिषेक
Kashi Vishwanath Was Swinging On Sawan Purnima

श्रावण पूर्णिमा पर काशी पुराधिपति सपरिवार गर्भगृह में झूले पर विराजमान हुए। श्रद्धालुओं ने बाबा का सपरिवार झांकी दर्शन किया, वहीं मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजता रहा। बाबा विश्वनाथ की सिंहासन पालकी यात्रा जब महंत आवास से निकली तो स्वयं इंद्र ने बरसात की बूंदों से उनके चरण पखारे। श्रद्धालु भी बाबा का जयकारा लगाते हुए बरसात में भीगते सिंहासन पालकी यात्रा में शामिल हुए।

काशी विश्वनाथ मंदिर में रविवार को बाबा विश्वनाथ के झूलनोत्सव की लोक परंपरा का निर्वहन किया गया। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा के पंचबदन रजत प्रतिमा का विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। महंत आवास पर डॉ. कुलपति तिवारी ने पंचबदन प्रतिमा की आरती उतारी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सप्तर्षि आरती की पूर्णता का संकेत मिलते ही टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से बाबा की पंचबदन प्रतिमा विश्वनाथ मंदिर ले जाने की तैयारी शुरू हो गई। महंत परिवार के सदस्यों ने बाबा को सिंहासन पर विराजमान कराया। पूर्व महंत डा. कुलपति तिवारी ने बाबा की आरती उतारी और फिर विग्रह को श्वेत वस्त्र से ढंक दिया गया। सिंहासन यात्रा जैसे ही महंत आवास से निकली बरसात की फुहारें भी शुरू हो गईं। बरसात के बीच सिंहासन पर विराजमान बाबा की प्रतिमा विश्वनाथ मंदिर तक लाई गई।

महंत परिवार द्वारा पहले से भेजा गया झूला गर्भगृह पर सजाया जा चुका था। बाबा की पंचबदन चलप्रतिमा को झूले पर विराजमान कराने के बाद पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने दीक्षित मंत्र से गर्भगृह में बाबा की चल प्रतिमा का पूजन किया। झूले का बंधन हिला कर बाबा को झूला झुलाया। इसके उपरांत सप्तर्षि आरती के अर्चकों ने क्रमश: बाबा को सपरिवार झूला झुलाया। देर रात तक शिवभक्तों ने बाबा का सपरिवार झांकी दर्शन किया।