श्रापित गुफा :डरावनी कहानी गुफा की
जब अर्जुन आखिरकार गुफा के बाहर आया, तो उसकी हालत बहुत खराब थी। वह कांपते हुए गांव लौटा और उसने अपनी आपबीती सुनाई।
श्रापित गुफा
एक छोटे से गांव के किनारे, एक पुरानी गुफा थी जिसे लोग ‘श्रापित गुफा’ के नाम से जानते थे। गांववाले कहते थे कि इस गुफा में एक प्राचीन भूत रहता है, जिसने कई साल पहले गांव के लोगों को अकल्पनीय दुख पहुंचाया था। गुफा के बारे में तमाम अजीब और डरावनी कहानियाँ प्रचलित थीं, लेकिन किसी ने भी कभी उसका सत्य नहीं जाना था।
एक दिन, गांव के एक साहसी युवा, अर्जुन, ने तय किया कि वह गुफा की सच्चाई जानने के लिए भीतर जाएगा। उसने अपने दोस्तों को इसके बारे में बताया, लेकिन वे सभी उसकी इस योजना को खतरनाक मानते हुए उसे समझाने लगे। लेकिन अर्जुन ने उनकी बातों को नजरअंदाज करते हुए, गुफा की ओर बढ़ने का फैसला किया।
गुफा की छांव में प्रवेश करते ही, अर्जुन को एक अजीब सी ठंडक का एहसास हुआ। गुफा के भीतर अंधेरा और सन्नाटा पसरा हुआ था, जो उसकी धड़कनों को और तेज कर रहा था। उसने अपनी टॉर्च की रौशनी में गुफा के अंदर की ओर देखा और धीरे-धीरे आगे बढ़ा। जैसे-जैसे वह गुफा की गहराई में प्रवेश करता गया, वातावरण और भी भयावह होता गया।
अर्जुन ने देखा कि गुफा की दीवारों पर अजीब और विचित्र चित्र बने हुए थे, जो किसी प्राचीन सभ्यता की पहचान लग रहे थे। अचानक, एक तेज़ ठंडी हवा चली और अर्जुन को लगा जैसे उसे किसी ने गुफा के भीतर कहीं से देख रहा हो। उसकी आत्मा में एक सिहरन दौड़ गई। उसने अपनी टॉर्च को और तेज किया और गुफा के एक गहरे कोने में एक पुरानी किताब पाई।
जब अर्जुन ने किताब को खोला, तो उसमें लिखे शब्द उसे बहुत अजीब लगे। वे शब्द कुछ ऐसा कह रहे थे कि "जो इस गुफा के भीतर आएगा और मेरी शांति को बाधित करेगा, वह न केवल खुद को, बल्कि अपने पूरे गांव को संकट में डाल देगा।" अर्जुन ने किताब को पढ़ने के बाद गुफा के भीतर एक खौफनाक शोर सुना, जैसे कि हजारों आवाजें एक साथ चीख रही हों।
उसने महसूस किया कि गुफा में कुछ गंभीर गलती हो रही है और तुरंत बाहर जाने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही उसने गुफा के भीतर की ओर देखा, उसने देखा कि एक काले, धुंधले रूप में एक आत्मा उसकी ओर बढ़ रही है। अर्जुन की धड़कनें तेज हो गईं और उसने पूरी ताकत से बाहर की ओर दौड़ना शुरू किया। गुफा का रास्ता अब उसके लिए और भी जटिल लग रहा था, जैसे कि वह खुद को बंधक महसूस कर रहा हो।
जब अर्जुन आखिरकार गुफा के बाहर आया, तो उसकी हालत बहुत खराब थी। वह कांपते हुए गांव लौटा और उसने अपनी आपबीती सुनाई। गांववालों ने उसकी बातों को गंभीरता से लिया और गुफा को फिर से बंद करने का निर्णय लिया। वे जानते थे कि गुफा का श्राप अब भी पूरे गांव पर लटका हुआ था और उस प्राचीन आत्मा को शांत करने के लिए उन्हें कुछ खास करना होगा।
अर्जुन की कहानी आज भी गांव में डर और रहस्य की तरह सुनाई जाती है। श्रापित गुफा के बारे में सुनते ही गांववाले सिहर उठते हैं, और गुफा को लेकर उनकी चेतावनी हमेशा की तरह जीवित रहती है।