भूत से शादी : इस रस्म को "भूत विवाह" कहा जाता था

किसी की शादी से पहले उसके मंगेतर की मौत हो जाती है, तो उसे मृत व्यक्ति की आत्मा से शादी करनी पड़ती है।

भूत से शादी : इस रस्म को "भूत विवाह" कहा जाता था

भूत से शादी

कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ की परंपराएं और मान्यताएँ बहुत गहरी थीं। इसी गाँव में एक लड़की, राधा, रहती थी। राधा सुंदर और समझदार थी, लेकिन उसकी किस्मत में दुख ही लिखा था। उसकी शादी के दिन से पहले ही उसके मंगेतर, अर्जुन, की एक दुर्घटना में मौत हो गई। इस सदमे ने राधा को तोड़ दिया। परिवारवालों ने उसे समझाया कि उसे अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन राधा के दिल में अर्जुन के अलावा किसी और के लिए कोई जगह नहीं थी।

गाँव की एक प्राचीन परंपरा के अनुसार, अगर किसी की शादी से पहले उसके मंगेतर की मौत हो जाती है, तो उसे मृत व्यक्ति की आत्मा से शादी करनी पड़ती है। इस रस्म को "भूत विवाह" कहा जाता था, ताकि मृत आत्मा को शांति मिल सके और वह अगले जीवन की ओर बढ़ सके। राधा के परिवार ने भी इस रस्म को निभाने का निर्णय लिया।

शादी की रात को, राधा को अर्जुन की फोटो के सामने बैठाया गया। पूजा का आयोजन किया गया, और पंडित ने मंत्रोच्चारण शुरू किया। जैसे ही शादी की विधि पूरी हुई, अचानक से कमरे का वातावरण बदल गया। हवा ठंडी हो गई, और दीये की लौ कांपने लगी। राधा को ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई उसके पास आकर बैठ गया हो। 

तभी, एक ठंडी हवा का झोंका आया और कमरे में एक अजीब सा सन्नाटा छा गया। राधा ने अपनी आँखें बंद कर लीं और अचानक उसे अर्जुन की आवाज़ सुनाई दी। वह कह रहा था, "राधा, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ। मेरी आत्मा अब मुक्त है, लेकिन तुम्हारे साथ जुड़ी रहेगी।"

राधा की आँखों से आँसू बहने लगे, लेकिन उसमें अब कोई डर नहीं था। उसने अर्जुन की उपस्थिति को महसूस किया और उसे एहसास हुआ कि उसकी आत्मा वाकई में अब शांति पा चुकी है। उसने अपने दिल में अर्जुन की यादों को संजोकर रखा और यह स्वीकार किया कि भले ही वह शारीरिक रूप से उसके साथ नहीं है, लेकिन उसकी आत्मा हमेशा उसके साथ रहेगी।

गाँववालों ने इस घटना को एक चमत्कार माना। उन्होंने कहा कि राधा और अर्जुन की आत्माओं का मिलन उनकी सच्ची प्रेम कहानी का प्रतीक था। भूत विवाह के बाद, राधा ने अपनी ज़िन्दगी को अर्जुन की यादों के साथ जीने का फैसला किया, और अर्जुन की आत्मा की शांति के लिए हर दिन प्रार्थना की। इस घटना के बाद, गाँव के लोग राधा का बहुत सम्मान करने लगे और उनकी प्रेम कहानी गाँव की लोककथाओं में समा गई।