तंत्र की संतान : तांत्रिक की आत्मा ने अर्जुन से कहा

तांत्रिक की आत्मा ने अर्जुन से कहा, "तुमने मेरे तंत्र को जगाया है, अब तुम्हें इसका दुष्परिणाम भुगतना होगा।

तंत्र की संतान : तांत्रिक की आत्मा ने अर्जुन से कहा

तंत्र की संतान

प्राचीन समय में एक छोटे से गाँव के पास एक घना जंगल था, जिसमें घुप्प अंधेरा छाया रहता था। गाँव वाले उस जंगल के पास जाने से डरते थे, क्योंकि वहां अजीब और भयानक घटनाएँ घटित होती थीं। लोग कहते थे कि जंगल के भीतर एक तांत्रिक की आत्मा बसी हुई है, जो अपनी मृत्यु के बाद भी तंत्र के रहस्यों को जीवित रखे हुए है।

एक दिन गाँव में एक युवक, अर्जुन, आया। वह तंत्र और उसकी शक्तियों में गहरी रुचि रखता था और जंगल के भीतर रहस्यों को उजागर करने की ठान ली। अर्जुन ने सुनी कहानियों को एक चुनौती के रूप में लिया और उसने जंगल की ओर कदम बढ़ाया। उसका इरादा तंत्र के रहस्यों को जानने और खुद को सिद्ध करने का था।

जंगल की गहराई में चलते हुए अर्जुन ने देखा कि वातावरण धीरे-धीरे और भी भयावह हो गया। अजीब सी आवाजें और भयानक साये उसकी राह में बाधा डाल रहे थे। जैसे-जैसे वह और गहरे प्रवेश करता गया, उसने एक पुरानी और खंडहर वाली वेदी देखी। वेदी पर तंत्र के जटिल यंत्र और मंत्रों के संकेत थे। अर्जुन को समझ में आया कि यही वह जगह है जहाँ तांत्रिक की आत्मा बसी हुई है।

अर्जुन ने वेदी के पास जाकर तंत्र की पूजा करने का निश्चय किया। उसने मंत्रों का जाप किया और यंत्रों की पूजा की, लेकिन जैसे ही उसने अंतिम मंत्र का उच्चारण किया, अचानक से चारों ओर एक अंधेरा छा गया। अर्जुन की आँखों के सामने तांत्रिक की एक भयानक और विकृत आत्मा प्रकट हुई। तांत्रिक की आत्मा का चेहरा बुरी तरह से विकृत था और उसकी आँखों में एक खौफनाक चमक थी।

तांत्रिक की आत्मा ने अर्जुन से कहा, "तुमने मेरे तंत्र को जगाया है, अब तुम्हें इसका दुष्परिणाम भुगतना होगा।" उसकी आवाज़ में क्रोध और द्वार का शाप था। अर्जुन ने डर के मारे शरण की गुहार लगाई, लेकिन तांत्रिक की आत्मा ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया। एक गहरी चित्कार के साथ, तांत्रिक की आत्मा ने अर्जुन को एक अंधेरे कुएँ में धकेल दिया।

अर्जुन ने पूरी ताकत से चिल्लाया, लेकिन कुएँ की गहराई ने उसे निगल लिया। वह असहाय होकर अंधेरे में गिरते चला गया, और उसके अंत के साथ, जंगल में उसकी उपस्थिति का भी अंत हो गया। अर्जुन की कहानी गाँव में एक चेतावनी के रूप में प्रचलित हो गई। गाँव वाले फिर कभी उस जंगल में नहीं गए, और तंत्र की शक्तियों के प्रति एक गहरी श्रद्धा और भय का माहौल बन गया।

उस जंगल में आज भी अर्जुन की चीखें और तांत्रिक की आत्मा की गूँज सुनाई देती है। यह कहानी इस बात का प्रतीक है कि तंत्र की गहराई में छिपी शक्तियों को जानना कभी-कभी खतरनाक हो सकता है और नासमझी से की गई कोई भी कोशिश भयानक परिणाम ला सकती है।