नोएडा - दिल को मिला आराम तो दोबारा करने लगा काम : फोर्टिस अस्पताल में टर्मिनल हार्ट फेलियर की शिकायत पर लगाया था कृत्रिम हृदय, 2 साल बाद निकाला गया, डॉक्टर बोले- ये तो चमत्कार है
Artificial Heart Was Installed In Fortis Hospital On The Complaint Of Terminal Heart Failure, It Was Removed After 2 Years
नोएडा में सेक्टर 62 के फोर्टिस अस्पताल एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां पर 2018 में इराक के रहने वाले हनी मोहम्मद जावेद टर्मिनल हार्ट फेलियर की शिकायत होने पर आए थे। हार्ट डोनर न मिलने पर डॉक्टरों ने उनको कृत्रिम हृदय लगाया था। बताया जा रहा है कि करीब 2 बाद बाद उनका हृदय खुद-ब-खुद सही हो गया। 6 महीने तक ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद डॉक्टरों ने अब कृत्रिम हृदय निकाला। 5 दिन उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है।
सर्जरी करने वाले हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ. अजय कौल ने बताया कि दुनिया भर में ऐसे चंद ही केस हैं, जिनमें मरीज का दिल ठीक होने पर कृत्रिम हृदय निकाला गया है। उन्होंने कहा कि ये किसी चमत्कार से कम नहीं है।
व्हील चेयर पर आए थे हॉस्पिटल
डॉ. अजय कौल ने बताया कि मोहम्मद जावेद जब अस्पताल आए थे तो उनकी हालत स्थिर थी, लेकिन वो व्हीलचेयर से उठ भी नहीं पा रहे थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। दूसरों की मदद से वह सभी काम कर रहे थे। इस केस में सर्जरी की कोई संभावना नहीं थी। इसलिए उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट की लिस्ट में रखा गया। लेकिन इसके लिए डोनर की जरूरत थी। जो मिल नहीं रहा था।
ऐसे में मोहम्मद जावेद को जिंदा रखने के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया। इसके बाद कृत्रिम हृदय लगाने का फैसला किया। सर्जरी कर कृत्रिम हृदय लगाया और 2 हफ्ते के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। करीब 6 महीने बाद उनको रूटीन चेकअप लिए बुलाया। जिसमें सब कुछ ठीक मिला।
डेढ़ साल बाद हुआ ड्राइव लाइन इन्फेक्शन
डॉक्टर कॉल ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले मोहम्मद जावेद दोबारा हॉस्पिटल आए। क्योंकि सर्जरी वाली जगह पर ड्राइव लाइन इंफेक्शन हो गया था। जिसको इलाज करके ठीक कर दिया गया। उनका हार्ट चेकअप किया तो पता चला कि वो पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है। हार्ट बीट नॉर्मल चल रही है।
बताया कि कृत्रिम पंप को लगाए रखा, लेकिन उसके सपोर्ट के बिना 6 महीने तक फॉलोअप किया। इस दौरान देखा गया कि उनका हृदय बिना किसी सपोर्ट के बीच चल रहा है। जावेद से परामर्श के बाद उन्होंने कृत्रिम हृदय निकाल दिया।
मोहम्मद जावेद बोले- दो बार मिली जिंदगी
डॉक्टर अजय कौल ने बताया कि 2 साल तक कृत्रिम हृदय के जरिए जीवन चलते रहने के दौरान मेन हार्ट को आराम की अवस्था में था। ऐसे में वह तेजी से रिकवर हुआ और अपनी वास्तविक स्थिति में आ गया। उधर, मरीज हनी मोहम्मद जावेद ने शुक्रिया अदा करते हुए बताया की दो बार डॉक्टर ने उनको जिंदगी दी है। उन्होंने अपने बच्चे का नाम डॉक्टर अजय कौल के नाम पर रखा है।