अफगानिस्तान : काबुल में फंसे आजमगढ़ धर्मेद्र और जौनपुर के मयंक लौटे स्वदेश, परिवार में हर्ष
वह नवंबर 2018 को काबुल गए और इसी साल जून में आना चाहते थे। लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं आ पाए। इधर अफगानिस्तान में बिगड़े हालात में फंस गए थे। हालांकि उनकी बात परिवार से लगातार हो रही थी।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पास एक स्टील फैक्ट्री में फंसे 27 भारतीय भारत पहुंच गए हैं। इनमें शामिल जौनपुर जिले के मयंक भी दिल्ली पहुंच गए। वह दिल्ली घर आने के लिए सुहेलदेव एक्सप्रेस ट्रेन पर भी बैठ गए हैं। उनके छोटे भाई शशांक सिंह ने बताया कि सोमवार की सुबह आठ बजे तक जफराबाद स्टेशन पर आ आएंगे। वह जौनपुर जिले के लाइन बाजार थाना क्षेत्र के गोधना गांव के रहने वाले हैं। लाइन बाजार थाना क्षेत्र से कचगांव रोड पर पांच किमी दूर गोधना गांव निवासी सत्य प्रकाश सिंह के बेटे मयंक कुमार सिंह काबुल स्थित खान स्टील लिमिटेड कंपनी में महाप्रबंधक हैं, जो काबुल एयरपोर्ट से दो किमी की दूरी पर स्थित है। इस समय मयंक काबुल स्थित फैक्ट्री में ही काम करते हैं।
वह नवंबर 2018 को काबुल गए और इसी साल जून में आना चाहते थे। लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं आ पाए। इधर अफगानिस्तान में बिगड़े हालात में फंस गए थे। हालांकि उनकी बात परिवार से लगातार हो रही थी। लेकिन वहां की हालत के बारे में जानकारी होने पर परिवार के लोग पूरी तरह से डर गए थे।
पूरा परिवार टीवी पर नजर लगाए हुए था। साथ ही सभी मयंक की सलामती की दुआ कर रहे थे। उनके छोटे भाई शशांक सिंह ने बताया कि मयंक की बस को काबुल एयरपोर्ट के पास अफगानिस्तान के लोगों ने रोक लिया था। बस में और भी भारतीय थे, जिसके कारण वह डर गए थे। लेकिन बाद में वेरिफिकेशन करके बस को छोड़ दिया गया था।मयंक भारतीयों को लेकर आ रहे विमान से सुबह साढ़े दस बजे दिल्ली पहुंच गए। यहां से घर आने के लिए सुहेलदेव एक्सप्रेस ट्रेन में बैठे हैं। वहीं उनकी पत्नी आंचल बेटा आदित्य सहित परिवार के सभी लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं।
अफगानिस्तान से दिल्ली पहुंचा आजमगढ़ का धर्मेंद्र
अफगानिस्तान में फंसे धर्मेंद्र चौहान की घर वापसी को लेकर परिजन चिंतित थे लेकिन जैसे ही उसके दिल्ली पहुंचने की सूचना मिली परिवार में हर्ष व्याप्त हो गया। धर्मेंद्र दिल्ली से बस से घर के लिए रवाना हो चुका है उसके सुबह 10 बजे तक घर पहुंचने की संभावना है।
दो साल पहले रोजी रोटी की तलाश में आजमगढ़ा मुबारकपुर थाना क्षेत्र के नरांव गांव निवासी धर्मेंद्र चौहान पुत्र हरखू चौहान अफगानिस्तान गया था। जहां वह एक स्टील फैक्ट्री में काम करता था। अफगानिस्तान पर जब तालिबान का कब्जा हो गया तो धर्मेंद्र फैक्ट्री में कैद होकर रह गया। फैक्ट्री मालिक द्वारा उनके भोजन आदि का प्रबंध किया जा रहा था।
उसने फोन कर परिजनों को सूचना दी। उसके सकुशल रहने से परिजनों को थोड़ा ढांढस बंधा लेकिन वह उसके सकुशल घर आने की कामना कर रहे थे। रविवार की रात लगभग आठ बजे धर्मेंद्र का फोन दिल्ली से आया।
उसकी भाभी कौशल्या ने बताया कि वह दिल्ली पहुंच गया है और वहां से आजमगढ़ अपने घर आने के लिए बस से रवाना हो चुका है। वह सोमवार की सुबह 10 बजे के करीब घर पहुंचेगा। यह समाचार मिलते ही परिवार में खुशी व्याप्त हो गई। परिजनों ने उसके सकुशल वापसी होने पर ईश्वर को धन्यवाद दिया।