यूपी को सस्ती बिजली का रास्ता साफ, नियामक आयोग की पहल से मिली बड़ी राहत

हाइड्रो पावर की कंपनियां तीस्ता, स्टेटक्रास्ट और जीएमआर से बीडिंग के द्वारा पावर कारपोरेशन ने 400 मेगावाट बिजली का करार किया है।

यूपी को सस्ती बिजली का रास्ता साफ, नियामक आयोग की पहल से मिली बड़ी राहत
नियामक आयोग की पहल से मिली बड़ी राहत

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन को रोजाना 15 से 20 रुपये प्रति यूनिट तक महंगी दर से बिजली खरीदने से राहत देने का काम किया है। आयोग ने हाइड्रो पावर की दो कंपनियां तीस्ता और स्टेटक्रास्ट से 340 मेगावाट बिजली लेने में बाधा बनी एस्क्रो एकाउंट (अनुबंधित खाता) खोले बगैर ही लेन-देन की अनुमति दे दी है। पावर कारपोरेशन को अब पीक आवर में दोनों कंपनियां 340 मेगावाट बिजली देंगी। 

नियामक आयोग ने इन दोनों कंपनियों को पावर कारपोरेशन को बिजली की सप्लाई देने का आदेश दे दिया है। इस आदेश के साथ ही पावर कारपोरेशन यह बिजली नियमित रूप से पाने के लिए लेटर आफ इंडेंट (एलओआई) जारी करने में जुट गया है। उम्मीद की जा रही है कि सोमवार की रात से ही नहीं तो मंगलवार से यह बिजली प्रदेश को मिलने लगेगी। 

हाइड्रो पावर की कंपनियां तीस्ता, स्टेटक्रास्ट और जीएमआर से बीडिंग के द्वारा पावर कारपोरेशन ने 400 मेगावाट बिजली का करार किया है। बिजली की सप्लाई के बाद पावर कारपोरेशन और कंपनियों के बीच पैसे की लेन देन के लिए एस्क्रो एकाउंट खोलने का प्राविधान है। एस्क्रो एकाउंट खोलने में दिक्कतें थी। जिसकी वजह से आयोग से इस करार को स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी।

कोयले से उत्पन्न बिजली संकट के इस दौर में नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह ने यह सुझाव दिया था कि दोनों पक्ष आपसी सहमति पत्र दे दें तो एस्क्रो एकाउंट की बाध्यता से आयोग राहत दे सकता है। आयोग के इस सुझाव के बाद पावर कारपोरेशन, तीस्ता व स्टेटक्रास्ट ने आयोग में सहमति पत्र दाखिल किया, जिसे सोमवार को आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह व सदस्य केके शर्मा ने स्वीकृति दे दी। तीसरी कंपनी जीएमआर जिससे 60 मेगावाट बिजली पावर कारपोरेशन को मिलनी है, उसके अनुबंध में अभी कुछ दिक्कतें हैं, वह भी जल्द दूर करने की कोशिशें की जा रही हैं। 

महज 5.57 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलेगी यह बिजली

इन कंपनियों से राज्य को अगले 25 साल तक 5.57 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया है कि बिडिंग रूट से तय शर्तों के तहत पावर कारपोरेशन को यह बिजली पीक आवर में मिलेगी। अनुबंध की शर्तों के मुताबिक ये कंपनियां हर साल मई से अक्तूबर तक बिजली की सप्लाई करेंगी। आयोग के इस फैसले से अक्तूबर के शेष दिनों में बिजली संकट से बहुत हद तक अब राहत मिल जाएगी। 

तीस्ता से ही महंगी बिजली खरीद रहा था पावर कारपोरेशन

मिली जानकारी के मुताबिक बिजली संकट के इस दौर में पावर कारपोरेशन प्रतिदिन तीस्ता व अन्य कंपनियों से ही मंहगे दर पर बिजली की खरीद कर रहा था। अब तीस्ता से वही बिजली बिडिंग से तय रेट के आधार पर राज्य को मिलेगी।